ठेका कंपनी के अधिकारी ने अपने वेतन से दो निशक्तजनों को प्रतिमाह आर्थिक सहयोग देने बढ़ाया हाथ, ग्रामीणों ने की प्रशंसा…
कोरबा – अक्सर हम यह खबरें देखते हैं और सुनते हैं कि जिले की खदानों में ठेका कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के शोषण का आरोप लगता है, निश्चित रूप से या पहली बार होगा जब ग्रामीणों ने ही एक ठेका कंपनी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उसका हृदय से आभार भी जताया हैं। ‘मानव सेवा परमो धर्म’ संस्कृत की इस कहावत को कुसमुंडा खदान की नियोजित कंपनी नीलकंठ के एक अधिकारी अश्वनी सिंह द्वारा भूविस्थापित ग्राम जटराज के दो निशक्त जनों को अपने वेतन में से प्रति माह आर्थिक सहयोग कर चरितार्थ किया है।जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम चंद्रनगर जटराज स्थित है गांव से लगा एसईसीएल कुसमुंडा खदान में नियोजित नीलकंठ माइनिंग कंपनी के पीआरओ अश्वनी सिंह को जैसे ही मालूम हुआ कि गांव में रवि सिंह पटेल पिता स्वर्गीय समारू पटेल उम्र लगभग 42 वर्ष जो लगभग 14 वर्ष पहले इलेक्ट्रिशियन का काम करता था कार्य के दौरान घटना का शिकार होने के कारण अपना दोनों हाथ गंवा चुका है और एस ई सी एल कुसमुंडा द्वारा उनकी 70 डिसमिल जमीन को 2009 में खदान विस्तार हेतु अधिग्रहण कर लिया गया है लंबे समय से रोजगार के लिए एस ई सी एल कार्यालय का चक्कर लगा रहा है किंतु आज पर्यंत तक रोजगार नहीं मिला सका हैं। नीलकंठ कंपनी के पीआरओ अश्वनी सिंह द्वारा अपने वेतन से 3000 रुपए प्रति माह रवि सिंह को परिवार को भरण पोषण के लिए देते हुए मानवता का परिचय दिए। कोरबा से कंपनी आते जाते गांव के ही दोनों आंखों से दिव्यांग एक व्यक्ति को गांव से सर्वमंगला मंदिर की ओर आते जाते देखते थे,जिनके बारे में अश्वनी सिंह को गांव वालों द्वारा दोनों आंखों से दृष्टिहीन सवित लाल के बारे में बताया गया कि सवित लाल बचपन से ही दोनों आंखों से दृष्टिहीन है तथा दोनों हाथों से विकलांग रवि सिंह का बड़ा भाई है जो सर्वमंगला मंदिर के बाहर भीख मांग कर लगभग 7 लोगों का संयुक्त परिवार का भरण पोषण करता है इतना सुनते ही कंपनी के श्री अश्वनी सिंह द्वारा मानवीय भाव रखते हुए प्रतिमाह 3000 रूपये अपने वेतन से देने लगे तथा श्रम सेवा भुविस्थापित कामगार संगठन के माध्यम से पडनिया निवासी दऊ लाल जो दोनों पैर से विकलांग है इतना सुनते ही मानवता का परिचय देते हुए कंपनी के पीआरओ अश्वनी सिंह द्वारा दऊलाल को भी अपने वेतन से 1000 रुपए प्रति माह परिवार भरण पोषण के लिए देना शुरू कर दिए । पीड़ित परिवार एवं क्षेत्र के ग्राम वासी तथा श्रम सेवा भुविस्थापित कामगार संगठन ने नीलकंठ माइनिंग कंपनी तथा कंपनी के पीआरओ अश्वनी सिंह को धन्यवाद व्यक्त करते हुए आभार प्रकट किये हैं। निश्चित रूप से ठेका कंपनी के अधिकारी द्वारा किया गया यह कार्य अत्यंत ही सराहनीय है।